हैकिंग एक ऐसी टर्म है जिसका उपयोग आज के समय बहुत सुनने को मिलता है | हैकिंग के बारे में अधिकांश लोगों को यह जानकारी है की हैकिंग द्वारा हैकर्स लोगों का पर्सनल डेटा चुरा लेते है और उसका उपयोग लोगों को ब्लैकमेल करने या बैंकिंग फ्रॉड करने के लिए किया जाता है | लेकिन यह हैकिंग का केवल एक पक्ष है आज के समय एथिकल हैकिंग भी प्रचनल में है जिसमें कंपनीज स्वयं अपनी वेबसाइट की सुरक्षा वयवस्था जांचने के लिए हैकिंग करवाती है और अपने वेबसाइट की कमियों को जानकर उनकी सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करती है | आज के इस लेख में हम जानेंगे की हैकिंग क्या है, हैकिंग कितने प्रकार की होती है, हैकर्स क्या है और इनके प्रकार, हैकिंग के फायदे नुकसान के बारे में |
हैकिंग क्या है ?
किसी सिस्टम को उसकी जानकारी और परमिशन के बिना एक्सेस प्राप्त कर लेना और उसकी पर्सनल इनफार्मेशन, बैंकिंग इनफार्मेशन या अन्य डाटा चुरा लेना उसका उपयोग करना और उस डाटा और इनफार्मेशन के आधार पर किसी तरह का फ्रॉड करना हैकिंग कहलाती है | यह एक तरह का साइबर अपराध होता है और इसके लिए आर्थिक दंड का प्रावधान भी है | हैकिंग करने वाले व्यक्ति को कंप्यूटर और इंटरनेट की डीप नॉलेज होती है जिससे वह प्राथमिक प्रोटेक्शन को तोड़कर कंप्यूटर को एक्सेस कर लेते है |
आज के समय हैकिंग का प्रारूप बदला है और अब कम्पनीज हैकिंग में महारत रखने वाले हैकर्स को अच्छी जॉब का ऑफर देती है और अपने कंप्यूटर या वेबसाइट की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए हैकिंग करवाते है | हैकिंग के द्वारा वे यह जान पाते है की उनके सिस्टम की क्या कमी है और उन्हें अपनी कमी को सुधारने के लिए क्या करने की जरुरत है |
हैकिंग के प्रकार क्या है
कम्प्यूटर हैकिंग – कम्प्यूटर हैकिंग में हैकर्स कई तरह की हैकिंग मैथेड का उपयोग कर कंप्यूटर के ID और Password को हैक कर computer का एक्सेस प्राप्त कर लेते है और जानकारिया और डाटा की चोरी कर लेते है |
मोबाइल हैकिंग – आज के समय हैकर्स कई तरह की apps और files का उपयोग कर यूजर के mobile का Access प्राप्त कर लेते है और user को इसके बारे में जानकारी नहीं होती | यह mobile का डाटा हासिल करने के साथ ही उसका पूरा कण्ट्रोल भी लेते है और खुद के मुताबिक उसका उपयोग कर लेते है |
वेबसाइट हैकिंग – वेबसाइट हैकिंग में हैकर्स खासतौर पर उन वेबसाइट को हैक करते है जिनकी security कमजोर होती है और जिन्होंने ssl सर्टिफिकेट प्राप्त नहीं किया होता है | इन website पर से ये हैकर्स पूरा डाटा चुरा लेते है और इसके अलावा इन वेबसाइट में कुछ बदलाव भी कर देते है | इससे यह अपनी काबिलियत प्रदर्शित करते है और वेबसाइट ओनर को नीचा दिखाना चाहते है |
नेटवर्क हैकिंग – इसमें पुरे network को ही हैक कर लिया जाता जाता है और इनफार्मेशन प्राप्त कर बड़े लेवल पर websites को क्रेश किया जाता है |
साइबर हैकिंग – इंटरनेट की दुनिया में किसी भी तरह के सॉफ्टवेयर और टूल्स का इस्तेमाल करके किसी website , network में घुसपैठ करना और जानकारी चुराना या कण्ट्रोल हासिल करना साइबर हैकिंग कहलाता है जो की एक तरह का अपराध कहलाया जाता है |
ईमेल हैकिंग – इसमें हैकर्स आपकी ID और password को हैक करके आपकी मेल का access प्राप्त कर लेते है और ईमेल में आपकी पर्सनल जानकारी का उपयोग आपको फाइनेंसियली या ब्लैकमेल करके हानि पहुंचाई जाती है |
पासवर्ड हैकिंग – इस तकनीक के द्वारा आपके पासवर्ड को हैक किया जाता है और आपकी ऑनलाइन ID को ओपन करके आपकी जानकारी और DATA की चोरी की जाती है |
एथिकल हैकिंग – जब कमपनीज या संस्था अपनी सिक्योरिटी को बढ़ाने के मकसद से किसी को वेबसईट को हैक करने की परमिसन प्रदान करती है और हैकर उस सिस्टम की खामियों को देखते है और उसके बारे में जानकारी देते है जिससे कंप्यूटर की सिक्योरिटी को बेहतर बनाया जाता है | जिससे भविष्य में हैकर्स उनकी वेबसाइट या सिस्टम को हैक नहीं कर सके और उनकी सिक्योरिटी बेहतर बनी रहे |
हैकर्स क्या है
हैकिंग करने का कार्य हैकर्स होते है यह कंप्यूटर की डीपली नॉलेज रखते है | ये हैकिंग की विभिन्न तकनीकों द्वारा हैकिंग के काम को अंजाम देते है | हैकर्स कई तरह के होते है इसमें एक तरीका होता है अच्छे हैकर्स का जो की क़ानूनी तौर पर हैकिंग करते है | और दूसरे जो की पूरी दुनिया में बदनाम होते है वे बुरे हैकर्स कहलाते है और इनका काम होता है गैर क़ानूनी तरीके से वेबसाइट को हैक करना और उसका उपयोग गैरकानूनी कामों के लिए करते है |
व्हाइट हैट हैकर्स –
हैकिंग की दुनिया में कुछ हैकर्स ऐसे होते है जो की पुरे लीगल तरीके से हैकिंग करते हुए कम्पनी के सिस्टम की खामियों को ढूंढते है जिससे अन्य हैकर्स उस सिस्टम और वेबसाइट को हैक ना कर पाए और कम्पनी को उसकी वजह से डाटा या फाइनेंशियली किसी तरह का नुकसान ना हो | इन हैकर्स को कम्पनीज अच्छी सैलेरी पर हायर करती है और सिस्टम पर कोई भी अपडेट होने पर सबसे पहले इन हैकिंग एक्सपर्ट से ही उसकी जांच करने के लिए कहा जाता है |
ब्लैक हैट हैकर्स
इन हैकर्स ने पूरी दुनिया को डरा के रखा है इनकी वजह से ही आज कम्पनीज को अपनी सिक्योरिटी पर करोड़ों रूपये खर्च करने पड़ते है | ये हैकर्स अपने काम में माहिर होते है और किसी भी सिस्टम, नेटवर्क या साइबर सिक्योरिटी को तोडना इनके लिए बहुत ही आसान होता है | ये हैकर्स हैकिंग करके लोगों की व्यक्तिगत जानकारी जैसे की उनके नाम, नंबर, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड नंबर्स, ईमेल, id और पासवर्ड चुरा लेते है और इनका उपयोग व्यक्ति संस्था और कम्पनी को ब्लैकमेल करने या उनका पैसा चुराने के लिए करते है |
ग्रे हैट हैकर्स
ग्रे हैट हैकर्स में दोनों तरह के हैकर्स की तरह की काबिलियत होती है | यह हैकर्स किसी भी सिस्टम को हैक क र सकते है लेकिन ब्लैक हैट हैकर्स की तरह इनका मकसद किसी भी तरह की हानि पहुँचाना नहीं होता है | लेकिन कई मामलों में यह बिना अनुमति लिए सिस्टम को हैक कर लेते है और उस समय इनके पास सिस्टम का कंट्रोल होता है लेकिन यह केवल उसकी सिक्योरिटी चेक करने का काम करते है और कोई डाटा या इनफार्मेशन चोरी नहीं करते है |
हैकिंग की तकनीक
फिशिंग –
हैकर्स फिशिंग तकनीक का उपयोग व्यक्ति की जानकारी तक पहुंचने के लिए करते है | इसके लिए आपको एक ईमेल प्राप्त होता है जिसको देखकर आपको यह लगता है की यह किसी अच्छी वेबसाइट, कम्पनीज या संस्था से आपको प्राप्त हुआ है | इस मेल में लॉगिन करने के लिए आपकी व्यक्तिगत जानकारी मांगी जाती है इसके बाद इसमें आपको आपका नाम, एड्रेस, डेबिट कार्ड नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर ऐड करने के लिए कहा जाता है | और जब आप इसमें अपनी जानकारी भर देते है तो आपकी इनफार्मेशन के द्वारा आपको वित्तीय नुकसान पहुंचाया जाता है या आपके सिस्टम को हैक कर लिया जाता है |
DOS और DODS
इस तकनीक के द्वारा हैकर्स आपको आपकी वेबसाइट, सिस्टम और नेटवर्क तक पहुंचने में बाधा उत्पन्न करते है और इससे आप उनका उपयोग नहीं कर पाते है | इस तरह हैकर्स कुछ समय के लिए या हमशा के लिए नेटवर्क को क्रेश कर देते है |
DNS
यूजर को धोखा देने के लिए DNS स्पूफ़िंग का उपयोग किया अत है इसमें ट्रेफिक को एक दूसरे नकली सर्वर की ओर मोड़ दिया जाता है |
SQL
अनधिकृत डाटा तक पहुंचने के लिए हैकर्स इस तकनीक का उपयोग करते है और किसी भी वेब फॉर्म के इनपुट बॉक्स में sql को जोड़ देते है |
वायरस कोड
हैकर्स द्वारा आपके सिस्टम का एक्सेस और कंट्रोल लेने के लिए कुछ कोड़ डाले जाते है जब आप इनको क्लीक करते है तो यह आपके सिस्टम में इनस्टॉल हो जाते है और इसके जरिये आप इंटरनेट पर क्या एक्सेस कर रहे है किन वेबसाइट पर जा रहे है इसका पता लगाया जाता है |
ब्रूट फोर्स अटैक
इसमें कई तरह के सॉफ्टवेयर और टूल का उपयोग आपके id और पासवर्ड का पता लगाने के लिए किया जाता है | इन टूल्स में ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर होते है जो की id और password का पता लगाने के लिए ऑटोमेटेड रूप से बहुत से संयोजन करते है और इनके द्वारा किसी का पासवर्ड और id हैक करके उसके एक्सेस ले लिया जाता है |
कीलॉगर इंजेक्शन
यह हैकिंग की उन्नत तकनीक है जिसमें मैलवेयर के जरिये एक कीलॉगर प्रोग्राम को इंस्टॉल किया जाता है | जिसके द्वारा हैकर आपकी व्यक्तिगत जानकारी, बैंकिंग क्रेडियन्सल और अन्य डाटा को चोरी कर पाते है |
एथिकल हैकिंग करना क़ानूनी है या गैरकानूनी
एथिकल हैकिंग के बारे में हमने आपको ऊपर भी जानकारी दे दी है इसके जरिये हमने आपको बता दिया है की एथिकल हैकिंग, हैकिंग करने का एक लीगल यानि की क़ानूनी तरीका है जिसके द्वारा सिस्टम ओनर से पहले इसके लिए परमिशन ली जाती है उसके बाद कम्प्यूटर, सिस्टम या साइबर हैकिंग की जाती है | इसमें हैकिंग करने के बाद पूरी जानकारी को सबंधित ओनर को प्रदान की जाती है और उसके द्वारा सिस्टम की सिक्योरिटी के उस लीक पॉइंट को ठीक किया जाता है और सिक्योरिटी को बेहतर किया जाता है और किसी भी तरह के डाटा लॉस, इनफार्मेशन लॉस या फाइनेंसियल लॉस से बचा जाता है |
एथिकल हैकिंग कैसे सीखें
हैकिंग के बारे में अक्सर यही सोचा जाता है की यह किसी का डाटा चोरी करने या कोई अन्य साइबर सिक्योरिटी को तोड़कर लोगों की इनफार्मेशन चोरी करने या अन्य साइबर अपराध करने के लिए की जाती है | खैर यह सही भी है शुरुआत में हैकिंग किस शुरुआत इस तरह से ही हुई थी जब कुछ कंप्यूटर विशेषज्ञों ने अपने ज्ञान का उपयोग गलत कामों में करते हुए बड़ी बड़ी वेबसाइट आदि को हैक करने के लिए किया था |
ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों को भी यह महसूस हो गया था की इन हैकर्स से निपटने के लिए उन्हें भी इसी तरह के एक्सपर्ट यानि की हैकर्स की जरुरत होगी | इस तरह बहुत से व्हाइट हैट हैकर्स ने बैंकिंग, सरकारी और अन्य तरह की वेबसाइट एवं सिस्टम की सुरक्षा के लिए उनमें कमियों को ढूंढा और ठीक किया | लेकिन इस तरह के हैकर्स की संख्या कम थी | इसलिए अब लीगली तौर पर बहुत से एथिकल हैकिंग कोर्स करवाए जाते है | जिन्हे करके आप भी अच्छी एथिकल हैकर के रूप में अच्छी जॉब पा सकते है और साइबर सिक्योरिटी को बेहतर बनाने में मदद कर सकते है |
एथिकल हैकिंग कोर्स किसे करना चाहिए
एथिकल हैकिंग करने के लिए आपको सबसे पहले अपनी 12th पास करने के बाद आपको computer से रिलेटेड डिग्री लेनी चाहिए | इन डिग्री के बाद आपको कंप्यूटर में इंट्रेस्ट भी बढ़ता है और आपको कंप्यूटर की भी डीप नॉलेज हो पाती है | आप 12th के बाद निम्नलिखित कोर्स कर सकते है
- बैचलर ऑफ़ कंप्यूटर साइंस ( B.sc )
- बैचलर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन ( B.C.A. )
- B.Tech
इन greducation course करने के बाद आप हैकिंग को बेहतर तरीके से समझ सकते है | इन डिग्री के बाद आप एथिकल हैकिंग सर्टिफाइड कोर्स के लिए आवेदन कर सकते है | यदि आप एथिकल हैकिंग का कोर्स करना चाहते है तो eccouncil.org पर जाकर आवेदन कर सकते है | यहाँ पर आपका एग्जाम लगता है और यदि आप उसे पास कर लेते है तो फिर आपको एथिकल हैकिंग का सर्टिफिकेट मिल जाता है |
एथिकल हैकिंग सिखने के लिए आपको कंप्यूटर language जैसे सी,सी++, जावा, HTML, SQL, PHP, PYTHON, ORACLE की अच्छी नॉलेज होनी चाहिए | इसके अलावा आपको इंटरनेट और साइबर सिक्योरिटी की बारे में भी नॉलेज रखनी चाहिए |
एथिकल हैकिंग के फायदे
- हैकिंग के द्वारा आप किसी भी सिस्टम की सिक्योरिटी की कमी को जान सकते है |
- इसके द्वारा हम अपनी हैक किये गए क्रेडिंसियल को वापिस पा सकते है |
- एथिकल हैकिंग के द्वारा आप अपने सिस्टम को हैकिंग से बचा सकते है |
हैकिंग से कैसे बचें
आज के समय हम डिजिटल गाँव में रह रहे है और आज हम अपने सभी तरह की जानकारी को ऑनलाइन शेयर भी करते है और ऑनलाइन लेनदेन भी करते है | ऐसे में हमको हमारी इनफार्मेशन की सुरक्षा को बनाये रखने और किसी भी वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे हैकर्स हमारी इनफार्मेशन को हैक ना कर सके और हम किसी भी तरह की व्यक्तिगत या आर्थिक हानि से बच सके |
मजबूत पासवर्ड –
एक रिसर्च के मुताबिक दुनिया भर के 70% id और पासवर्ड सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ही कमजोर होते है और उन्हें आसानी से हैक किया जा सकता है | इसलिए आप अपना पासवर्ड बनाते समय अगर थोड़ी सी सावधानी बरते और उसमें कैपिटल लैटर, नंबर्स और स्पेशल करेक्टर्स का उपयोग करें तो अपने अकाउंट को हैक होने से बचा सकते है |
समय समय पर पासवर्ड बदलें
हैकिंग से बचने के लिए आपको समय समय पर अपना पासवर्ड बदलते रहना चाहिए | कई लोग सालों तक अपना पासवर्ड नहीं बदलते है जो की सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ी चूक है | इसलिए हैकिंग से बचने के लिए 6 महीने के अंतराल में अपना पासवर्ड बदलते रहे |
लिंक पर क्लीक ना करें
कई बार वेब सर्फिंग के दौरान हम कुछ ऐसी वेबसाइट पर चले जाते है जिनमें कुछ ऐसे लिंक होते है जिनको क्लीक करने से आपके अकाउंट के हैक होने और किसी तरह के वायरस आपके कंप्यूटर में आ सकते है | इसलिए इस तरह के लिंक पर क्लिक करने से बचें |
सार्वजनिक वाईफाई का प्रयोग से बचें
कई बार हम अपनी सिक्योरिटी की सेटिंग को ठीक किये बिना सार्वजानिक wifi का उपयोग करते है इससे भी हमारी सिस्टम की सिक्योरिटी को खतरा होता है |
VPN का इस्तेमाल करें
अपनी सिक्योरिटी को बेहतर करने के लिए VPN एक बेहतर विकल्प है | इससे हैकर आपकी लोकेशन या अन्य तरह की जानकारियों को नहीं जान पाते है | इससे आपका कनेक्शन इन्क्रिप्टेड हो जाता है जिससे आप हैकिंग से बच पाते है |
सवेंदनशील इनफार्मेशन को शेयर करने से बचें
कई लोग सोशल मीडिया या अन्य प्लेटफॉर्म पर अपनी सारी इनफार्मेशन शेयर कर देते है जो की आपको हैकर्स के लिए एक आसान निशाना बना देती है | इन इनफार्मेशन का उपयोग वह आपके अकाउंट और सिस्टम को हैक करने के लिए कर सकते है |
नए सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन को इनस्टॉल करने से पहले जांचे
आज के समय ऐसे ढेरों सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन ऐसी है जिनका उपयोग करके हैकर्स आपकी सारी इनफार्मेशन चुरा लेते है इसके अलावा आपके सिस्टम का भी एक्सेस ले लेते है | इसलिए हमेशा एक विश्वसनीय सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन को ही इनस्टॉल करना चाहिए |
FAQ
Q.1 एथिकल हैकिंग क्या है ?
Ans. एथिकल हैकिंग, हैकिंग करने का एक क़ानूनी तरीका है जिसमें किसी भी वेबसाइट, कम्प्यूटर या सिस्टम की उसके ओनर से परमिशन लेकर हैकिंग की जाती है | इस हैकिंग का उद्देश्य उस सिस्टम की कमियों को जानना है और उन्हें दूर करना होता है | इसके द्वारा सिक्योरिटी को मजबूत कर डाटा लॉस और इनफार्मेशन के लॉस होने से बचाया जाता है|
Q. 2 मोबाइल हैकिंग कैसे करे
Ans. आप बिना किसी मोबाइल को हाथ में लिए मोबाइल को हैक नहीं कर सकते है | यदि आप चाहते है की आपका फोन सुरक्षित रहे | या आप अपने बच्चों के मोबाइल पर नजर रखना चाहते है तो आप कुछ स्पाई एप्लीकेशन उनके मोबाइल पर डाउनलोड कर सकते है | इसके बाद ऑनलाइन इन application पर लॉगिन करने के बाद आप उन मोबाइल पर नजर रख सकते है |
Q.3 हैकिंग से बचने के उपाय क्या है ?
Ans. हैकिंग से बचने के लिए आपको अपना पासवर्ड मजबूत बनाना चाहिए | अपने पासवर्ड में letters, Numbers, special cherecters को शामिल करना चाहिए | समय समय पर अपने पासवर्ड को चेंज करते रहना चाहिए | किसी भी unsecure लिंक पर क्लीक नहीं करना चाहिए | सिक्योरिटी को बेहतर करने के लिए VPN का इस्तेमाल करना चाहिए |
निष्कर्ष
हैकिंग के बारे में यह उपयोगी जानकारी आप अपने फ्रेंड्स के साथ भी शेयर कर सकते है | हैकिंग से सबंधित इस जानकारी के द्वारा आप जान गए होंगे की हैकिंग क्या होती है और हैकिंग से बचने के लिए क्या सावधानी आपको रखनी चाहिए | इसके साथ ही हमने आपको एथिकल हैकिंग के बारे में डिटेल से बताया है | हैकिंग से सबंधी यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं |