चंद्र नमस्कार क्या है और इसे कैसे करते है यह एक आम सवाल है जिसके बारे में बहुत से लोग जानना चाहते है क्योंकि चंद्र नमस्कार करने के बारे में ज्यादा जानकारी अभी तक नहीं दी गयी है इसलिए आज के इस लेख में हम आपको विस्तार से चंद्र नमस्कार के बारे में बताने जा रहे है |
सभी आसनों का बहुत महत्व होता है और इनके द्वारा आप केवल शारीरिक ही नहीं मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते है | चंद्र नमस्कार में भी सूर्य नमस्कार की तरह बहुत से आसनों को शामिल किया गया है | चंद्र नमस्कार में चन्द्रमा की कलाओं को इंगित करते हुए 14 आसन किये जाते है | इन आसनो को सूर्य अस्त होने के बाद चन्द्रमा की छटा के बीच किया जाता है | जहाँ सूर्य नमस्कार करने से आपके शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, स्फूर्ति और ताजगी आती है वहीँ दूसरी ओर चन्द्र नमस्कार करने से दिन भर काम करने से जो आपको थकान हुई है वह दूर होती है और आपके शरीर को आराम मिलता है |
चंद्र नमस्कार योग आसन
चंद्र नमस्कार में कुल 14 आसन होते है जिन्हें स्टेप बाई स्टेप करना होता है | इनका क्रम सही रहना चाहिए उसके बाद ही आप इन आसनों से सही लाभ पा सकते है | आइये जानते है चंद्र नमस्कार के सभी आसनों के बारे में –
स्टेप 1 – प्रनामासना
इस स्थिति में अपने दोनों हाथों को जोड़कर उन्हें हृदयचक्र पर रख लें | इस दौरान पैरो की एड़ियां और पंजे को मिला लें | यह प्रणाम की स्थिति है इसमें आपको सामान्य रहना है और शरीर को थोड़ा रिलेक्स रखना है |
Step 2 – हस्त उत्थासना
अब स्वांस को अंदर खींचते हुए अपने दोनों हाथो को धीरे धीरे सामने से होते हुए सीधे ऊपर की और जितना पीछे हो सके लेकर जाएं | इस स्थिति में अपने हाथों को ऊपर की और खींचे |
स्टेप 3 – पादा हस्तासना
अब स्वांस छोड़ते हुए अपनी कमर से झुकते हुए दोनों हाथों को सामने से ले जाते हुए अपने सिर को घुटनों पर लगाने का प्रयास करें | इस स्थिति में अपने दोनों हाथों के पंजो को अपने पैरों के बगल में रखें |
स्टेप 4 – अर्ध चन्द्रासना
अब पुनः स्वांस खींचते हुए अपने दाएं पैर को जितना हो सके पीछे की और लेकर जाएं एवं अपनी कमर को पीछे की और झुकाते हुए अपने सिर को जितना हो सके पीछे की ओर लेकर जाएं | अपने दोनों हाथों से प्रणाम की मुद्रा बनाते हुए उन्हें ऊपर की ओर लेकर जाएँ |
स्टेप 5 – पर्वतासना
अब स्वांस छोड़ते हुए कमर को आगे की और झुकाते हुए अपने दोनों हाथों को अपने पैरों के बगल में ले जाकर रखें | बाएं पैर को भी पीछे लेकर जाएं | अब अपनी कमर को ऊपर की ओर उठाएं | इस स्थिति में आपके शरीर की स्थिति पर्वत के समान होगी | जिसमें आपके पैर और हाथ दोनों जमीन पर होंगे और आपकी कमर ऊपर की ओर होगी |
स्टेप 6 – अष्टांगसना
अब स्वांस को स्थिर रखते हुए अपने सिर, सीने घुटनों को टिकाते हुए साष्टांग प्रणाम की मुद्रा बनाएं | इस स्थिति में आपको 5 सेकंड रहना है |
स्टेप 7 – भुजंगासन
अब पुनः स्वांस लेते हुए अपनी कमर को तोड़ते हुए अपने सर को ऊपर की ओर लेकर जाएं और ऊपर की ओर देखें | इस दौरान आपके दोनों पैर जमीन से चिपके रहे | और दोनों हाथ आपकी कमर के बगल में रहेंगे |
स्टेप 8 – पर्वतासन
अब स्वांस छोड़ते हुए आपको अपने सर को निचे की और लेकर आना है और कमर को ऊपर की और लेकर जाना है | इस स्थति में आपके दोनों पैर और हाथ के पंजे जमीन से चिपके होंगें और कमर ऊपर की ओर होगी | इसमें आपके शरीर की स्थिति पुनः एक बार पर्वत की जैसी होगी | इसलिए इस आसन को पर्वतासन कहा जाता है |
स्टेप 9 – बलासना
अब स्वांंस लेते हुए आपको अपने दोनों घुटनो को जमीन पर ठिकाना है और अपनी जंघाओं को अपनी पिंडिलियो से सटाते हुए अपने सिर को जमीन पर टिकाना है | इस स्थिति में आपको कुछ सेकंड के लिए रहना है |
स्टेप 10 – पर्वतासन
अब स्वांस को बाहर निकालते हुए पुनः आपको कमर को ऊपर ले जाते हुए पर्वतासन की स्थिति बनानी है | जिसमें आपकी कमर ऊपर की ओर होगी और हाथ और पैर के पंजे जमीन से चिपके होंगे |
स्टेप 11 – अर्ध चन्द्रासना
इस स्टेप में स्वांस खींचते हुए आपको कमर को नीचे की और लाना है और अपना दाहिना पैर अपने दोनों हाथों के बीच में ले आएं | अब अपने दोनों हाथो को उठाकर प्रणाम की मुद्रा बनाते हुए ऊपर की ओर लेकर जाएं और सर को जितना हो सके पीछे की ओर ले जाने का प्रयास करें |
स्टेप 12 – पदस्थासना
अब स्वांस छोड़ते हुए अपने बाएं पैर को भी आगे लेकर आएं और खड़े हो जाएं | इस स्थिति में आपकी कमर स्टेप 3 की तरह होगी जिसमें आपके दोनों हाथ के पंजे आपके पैर के बगल में जमीन से चिपके होंगे और आपका सर आपके घुटनों से लगा होगा |
स्टेप 13 – हस्ता – उत्थासना
इस स्थिति में स्वांस लेकर आपको अपनी कमर को सीधा करना है आपके दोनों हाथों को ऊपर की ओर लेकर जाते हुए ऊपर की ओर देखना है |
स्टेप 14 – प्रणामासना
इस स्थिति में आपको अपने दोनों हाथों को नीचे लेकर आते हुए प्रणाम की स्थिति बनाएं | इस स्थिति में आपको अपने शरीर को थोड़ा ढीला छोड़ देना है |
इस आसन को आप शुरुआत आप 3 से कर सकते है और 10 तक कर सकते है |
चंद्र नमस्कार करते हुए रखे निम्न सावधानियां
- चंद्र नमस्कार आपको शाम को खाना खाने से पहले करना चाहिए |
- साफ़ और समतल स्थान पर अपना योगा मैट या चटाई बिछाकर करें |
- इसमें आपको स्वांस लेने और छोड़ने का विशेष ध्यान रखना चाहिए |
- चंद्र नमस्कार करने के लिए टाइट कपडे ना पहनें थोड़े ढीले कपडे पहन कर यह आसन करें |
चंद्र नमस्कार के लाभ
- चंद्र नमस्कार करने से आपका शरीर रिलेक्स होता है और थकावट दूर होती है |
- जिन लोगों को अनिद्रा की शिकायत है उन्हें इस आसान के करने से अच्छी नींद आती है |
- इस आसन को करने से शरीर में रक्त का संचार बेहतर होता है |
- त्वचा में निखार आता है और आपका शरीर ग्लो करता है |
- इस आसन को करने से आपके शरीर के सभी जोड़ मजबूत और लचीले होते है और आप बेहतर तरीके से कार्य कर पाते है |
- इस आसन से पेल्विक एरिया मजबूत होता है |
- इसका प्रभाव मानसिक स्तर पर होता है और आप भावनात्मक रूप से मजबूत होते है |
निष्कर्ष ऑफ़ चंद्र नमस्कार
चंद्र नमस्कार में कुल आठ प्रकार के योगासन होते है और यह आपके शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है | इस लेख के माध्यम से हमने आपको चंद्र नमस्कार की स्थितियों सावधानियों और लाभ के बारे में बताने की कोशिश की है | आशा है यह आपके लिए उपयोगी साबित होगी | चंद्र नमस्कार के बारे में यदि आप कुछ ओर भी जानना चाहते है तो हमें कमेंट करके बताएं | चंद्र नमस्कार के बारे में ओर लोगो को भी जानकारी मिले इसके लिए इसे अधिक से अधिक लोगों के साथ शेयर करें |