आज कल हर एक इंसान अपनी मन की खुशी और शांति के लिए क्या कुछ नहीं करता। लेकिन सब लोग ये बात भूल जाते है कि आत्मीय शांति हमे तभी मिल सकती है जब हमारा शरीर एक दम स्वस्थ और मजबूत हो।
अब सवाल ये उठता है कि हमारा शरीर एक दम स्वस्थ और मजबूत कैसे हो क्यों कि शरीर का अहम रोल तो निभाता वो है दिमाक और हमारा दिमाक सांसारिक मोह माया और तनाव में ऐसा व्यस्त रहता है कि उसके बारे मैं ख्याल ही नहीं आता हैं।
इस ही कारण से आज कल की जनरेशन में हार्ट ब्रोब्लम व डिप्रेशन की शिकायत ज्यादा होने लगी है।
जब बात आती हैं हार्ट ब्रोब्लम व डिप्रेशन की तो हम ये सोचते हैं कि कैसे इन बीमारियों से बचाव किया जा सकता हैं।
लेकिन चिंता कि कोई बात नहीं हैं क्यों कि इन सब परेशानियों से भी मुक्ति मिल सकती हैं वो भी योग की सहायता से।
योग की सहायता से हम हमारे शरीर को फिट, स्वस्थ और ऊर्जा से परिपूर्ण बना सकते हैं। योग हमारे लिए बहुत फायदे मंद होता हैं।
योग भी कई प्रकार के होते हैं। इन सभी योगों का शरीर को फिट रखने का अपना अपना काम होता हैं।
अब हमारे मन में सवाल आता है की हार्ट ब्रोब्लम व डिप्रेशन से बचने के लिए कौनसा योग करे, तो इसके लिए पद्मासन सबसे ज्यादा कारगार योग साबित होता हैं।
पद्मासन का अर्थ
पद्मासन शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है। पद्मासन का संधि विच्छेद होता है पद्म+आसन। पद्म का अर्थ होता है कमल और आसन का अर्थ होता है मुद्रा में बैठना अर्थात कमल के समान मुद्रा में बैठना।
हमारी भारतीय संस्कृति में कमल का धार्मिक रूप से विशेष महत्व बताया गया है। कह सकते है कि जिस प्रकार कमल कीचड़ में खिलने के बाद भी अपनी खूबसूरती और कोमलता को नहीं खोता है। उसी प्रकार पद्मासन व्यक्ति को सामाजिक बुराइयों और कोरितियो से दूर रख मन को शांत रखने में मदद करता है। जब हम योग व प्राणायाम करते है उस समय पद्मासन मुद्रा में बैठने का सुझाव दिया जाता है ।
पद्मासन के विधि | Padmasan kaise Kare
किसी भी आसन (योग) के फायदे उसे सही प्रक्रिया से करने पर ही मिलते हैं, इसलिए ये बात जरूर मान्य रखती है कि उसके करने के तरीके के बारे में आप कितना जानते हैं। आईए आज हम आप को पद्मासन की सरल व सटीक विधि के बारे में जानकारी देते हैं जिससे आप इस आसन का सही उपयोग कर सके।
सबसे पहले योग मैट पर पैरों को सामने की ओर लम्बे फैलाकर बैठ जाएं। अब अपनी कमर और गर्दन को एक दम सीधा रखें। अब दाएं पैर को मोड़ कर उसकी एड़ी को बाईं जांघ पर रखें। इस प्रकार ही बाएं पैर को मोड़कर उसकी एड़ी को दाएं जांघ पर रखें।
जब आप दोनों पैरों को मोड़कर एड़ी को विपरीत जांघों पर रखकर आराम से बैठ जाए और अपने आप सहज (कंफर्टेबल) महसूस करे, तब अपने दोनों हाथों को ज्ञानमुद्रा में बनाकर घुटनों पर रखें।इस दौरान अपनी कोहनियों को एक दम सीधा रखें।
अब इस ध्यान मुद्रा में कुछ देर बैठें।इस मुद्रा में सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को सामान्य रूप से जारी रखें।इस प्रक्रिया को दिन में दो बार अर्थात प्रातः काल और संध्या के समय या आपको जब भी टाइम मिले तब इस आसन को तीन से पांच मिनट के लिए दोहरा सकते हैं।
पद्मासन के लाभ | Padmasan Benefits in Hindi
पद्मासन करने के काफी फायदे होते हैं। यह आसन दिल और दिमाग को शांत करने के साथ-साथ और भी हमें कई बेनिफिट्स (फायदा) देता है, आइए जानते हैं इन बेनिफिट्स के बारे में
दिमाग की शांति
जब हम योग करते है तो उसके लिए जरूरी है की योग करते समय हमारा दिल और दिमाग सभी सकारात्मक और नकारात्मक बातों को अपने दिमाग से निकाल दें क्योंकि योग के लिए दिमाक और दिल एक साथ लय में चलना जरूरी होता है। इसलिए योग करते समय हमे अपना ध्यान एक स्थान केंद्रित करना आवश्यक होता है। ध्यान केंद्रित करने के लिए पद्मासन योग को एक बहुत जरूरी योगासन माना जाता है। यह पद्मासन योग हमारे दिल और दिमाक के द्वारा ध्यान केंद्रित कर दिमाग को शांत करने में मदद कर सकता है ।
गर्भावस्था में लाभकारी
गर्भवती महिलाओं के लिए पद्मासन योग एक बेहतरीन विकल्प होता है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान महिलाएं मानसिक तनाव से ग्रस्त रहती है।
ऐसे में महिलाओं का गर्भावस्था में पद्मासन योग को करने से किसी भी जोखिम का खतरा कम रहता, और वह बड़ी आसानी से पद्मासन के जरिए गर्भावस्था के दौरान होने वाले तनाव और मांसपेशियों की अकड़न को दूर कर सकती हैं।
लेकिन गर्भवती महिलाएं इस आसन को करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले।
घुटनों के लिए लाभकारी
आजकल घुटनों के दर्द को लेकर हर कोई परेशान रहता है। इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए पद्मासन योग बहुत ही लाभकारी होता है।
पद्मासन में बैठते समय घुटनों और टखनों को अच्छी तरह खींच कर और मोड़ कर बैठना होता है, क्योंकि पद्मासन योग करने के दौरान आपके घुटनों में एक विशेष प्रकार के द्रव (श्लेष द्रव ) का रिसाव होता है। यह द्रव्य आपकी मांसपेशियों की अकड़न को कम करने, अर्थराइटिस जैसी बीमारियां और घुटने के दर्द को कम करने में लाभकारी होता है।
शरीर में उर्जा बनाने के लिए लाभकारी
आप का शरीर रोज मरहा के कार्य को पूरा करने के लिए ऊर्जा की की मांग करता हैं। लेकिन आपका शरीर थोड़ा काम करने पर ही थकान महसूस करने लगता हैं।
अगर आप को दिनचर्या में किसी भी कार्य को अगर बिना थके पूरा करना है तो आपके शरीर में ऊर्जा की पर्याप्त पूर्ति होनी चाहिए।
जब भी आप थकान महसूस करें तो कुर्सी पर ना बैठ कर पद्मासन की मुद्रा में कुछ मिनट के लिए बैठ जाए। इससे आप के शरीर में ऊर्जा के स्तर में काफी बढ़ोत्तरी हो सकती है।
आप को बता दें कि इंटरनेशनल जर्नल ऑफ योग के एक शोध में बताया गया है कि लगभग 20 मिनट तक पद्मासन योगमुद्रा का अभ्यास करने से ऊर्जा के स्तर में काफी बढ़ोत्तरी हो सकती है।
अच्छी नींद के लिए लाभकारी
हर कोई ये चाहता है कि जब वो सारे दिन कि भाग दौड़ से जब बिस्तर पर आए तो बस उसे सुकून वाली नींद आए। लेकिन आज से समय में ये होना मुस्किल हैं।
आज कल की बात करे तो दस में से सात लोगों को नींद न आने की परेशानी हैं।
नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे मानसिक या शारीरिक थकान या फिर स्ट्रेस (तनाव)। अगर नींद न आने का प्रमुख कारणों की बात की जाए तो इनमें स्ट्रेस का नाम सबसे कॉमन है। पद्मासन योग तनाव को कम करने के लिए फायदेमंद है।
पद्मासन करने से नींद ना आने की परेशानी दूर होती है और साथ ही साथ तनाव भी खत्म होता है।
पद्मासन योग कब और कौन-कौन ना करें
अगर आपने पहले कभी पद्मासन नहीं किया है, तो इसे योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें।
अगर आप जोड़ों या घुटने के दर्द से पीड़ित है, तो पद्मासन योग को ना करे।
अगर आप गर्भवती हैं तो आप को ये योग किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चहिए
अपनी शारीरिक क्षमतानुसार ही इस योग को करें।अर्थात अगर पद्मासन करते समय आप को आपके शरीर में कही दर्द का अनुभव हो तो, तुरंत बाहर आ जाएं, जबरदस्ती इस योग को ना करें।