Communication क्या है और यह कैसे काम करता है आज के लेख में हम इसके बारे में विस्तार से जानेंगे तो इसलिए इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक पढ़ें | कम्युनिकेशन यानि की संचार किसी भी जानकारी या सुचना को आपस में आदान प्रदान करना है | हम जो आपस में बातचीत करते है वह भी communication ही है | इसके अलावा अगर आप कहीं दूर कोई सुचना किसी भी माध्यम से भेजते है या प्राप्त करते है तो वह भी communication कहलाता है |
पिछले कुछ दशकों में Communication का तरीका भी काफी बदल गया है | आज संचार बहुत तेज हो गया है | पहले किसी सुचना को दूसरे शहर तक पहुंचाने में कई दिन लग जाते है | लेकिन अब इंटरनेट के आने से पल भर में आप किसी भी सुचना को दूसरे शहर ही नहीं बल्कि दुनिया के किसी भी देश में पंहुचा सकते है | वर्ष 2019 से दुनिया के कई देशों ने 5G सर्विस लांच कर दी है और 2022 से भारत भी 5G प्रदाता देश बन गया है | इससे Communication और भी तेज होगा |
Communication क्या है | What Is Communication in Hindi
Communication को हिंदी में संचार कहते है | जब किसी सुचना या जानकारी को लिखित, मौखिक या हावभाव के द्वारा एक से अधिक माध्यमों के बीच पहुंचाया जाता है तो यह संचार कहलाता है | संचार के तीन प्रमुख घटक होते है एक होता है sender जिसे की हिंदी में भेजने वाला कहा जाता है | यह सुचना को भेजने का कार्य करता है | दूसरा होता है Receiver जो की सुचना को प्राप्त करता है और इन दोनों को जिस माध्यम से सुचना प्रदान की जाती है उसे medium यानि की माध्यम कहा जाता है |
संचार कैसे होता है | Communication Process in Hindi
संचार की पूरी प्रकिया कैसे काम करती है और इस प्रक्रिया को कार्य करने में कौन कौनसे घटक काम करते है आइये जानते है विस्तार से –
संदेश ( Message )
सुचना की प्रक्रिया का अभिन्न अंग है मैसेज जो की Information,Data का Print, Audio, Video रूप में होता है | जिसे की किसी माध्यम से भेजा जा सके |
भेजने वाला ( Sender )
किसी भी सुचना को डाटा, Information, के रूप में भेजने वाले को सेंडर कहा जाता है | यह व्यक्ति, संस्था, कम्पनी, कंप्यूटर, मोबाइल जैसी मशीन भी हो सकती है |
एनकोडर –
कई बार संचार के लिए भेजी जाने वाली इनफार्मेशन बहुत ही महत्वपूर्ण होती है इसलिए उसे कूट भाषा यानि की सांकेतिक भाषा में भेजा जाता है | इस इनफार्मेशन को सबंधित व्यक्ति ही पढ़ सके या decod कर सके इसके लिए इसके key भी भेजी जाती है |
संचार माध्यम –
जिस माध्यम से सन्देश भेजा जा रहा है वह संचार माध्यम कहलाता है | सदियों से संचार के अलग अलग माध्यम रहे है | किसी ज़माने में पक्षियों के द्वारा भी मैसेज या सुचना को सबंधित व्यक्ति तक भेजा जाता था | उसके बाद तार प्रणाली और डाकघर के द्वारा चिट्ठियां के माध्यम से सूचनाओं को एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता था | लेकिन 21 वीं सदी में बिलकुल बदल गया है संचार के लिए इंटरनेट एक प्रमुख माध्यम बन गया है | INTERNET के द्वारा आज सेकंड में सूचनाओं, डाटा और ऑडियो, वीडियो, टेक्स्ट संदेशो को तेजी से आदान प्रदान सम्भव हो पाया है |
प्राप्तकर्ता ( Reciver )
सन्देश प्राप्त करने वाले को रिसीवर कहते है | रिसीवर कोई व्यक्ति, संस्था, कंपनी कोई मशीन जैसे computer, Mobile आदि हो सकते है |
डिकोडिंग ( decoding )
सेन्डर यदि कोई सामान्य सन्देश भेजता है तो उसे डिकोड करने की कोई जरुरत नहीं होती है | लेकिन यदि सन्देश को किसी कूट भाषा में भेजा गया है तो फिर उसे decoder द्वारा डिकोड किया जाता है | उसके बाद ही reciver उसे पढ़ पाता है, सुन पाता है या देख पाता है |
प्रोटोकॉल
यदि सामान्य संचार होता है तो उसमें किसी तरह के प्रोटोकॉल की आवश्यकता नहीं होती है | जब communication दो devices के मध्य होता है तो वह किसी प्रोटोकॉल के अंतर्गत ही होता है | प्रोटोकॉल एक नियमों का समूह होता है जिसके बिना दो डिवाइस आपस इ कनेक्ट नहीं हो पाते है |
निष्कर्ष
Communication के बिना यह दुनिया कोई अस्तित्व नहीं रखती है हम जो भी नॉलेज आज रखते है वह सब कम्युनिकेशन के कारण ही संभव हो पाया है | communication अति महत्वपूर्ण है इसलिए जिस व्यक्ति की जितनी अच्छी communication skill होती है वह उतनी ही तेजी से अपने कैरियर में आगे बढ़ पाता है | communication से आपने क्या समझा हमें comment करके बताएं, धन्यवाद |